पिताजी का नाम:
जन्म तिथि:
जन्म स्थान:
आयु:
संपत्ति:
पूरा नाम:
द्रौपदी मुर्मू
बिरांची नारायण टुडू
20 जून 1958
मयूरभंज, उड़ीसा, भारत
64 वर्ष
₹ 4.8 लाख
द्रौपदी मुर्मू झारखंड राज्य के राज्यपाल का पद संभालने वाली पहली महिला हैं ।वे किसी भी भारतीय राज्य की पूर्णकालिक राज्यपाल बनने वाली पहली जनजातीय महिला भी हैं।अगर वो जीत गईं, तो भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनेंगी।जीतने के बाद सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति होने का रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज होगा।
द्रौपदी मुर्मू को वर्ष 2007 में ओडिशा विधान सभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
इनके पिताजी का नाम बिरांची नारायण टुडू है और द्रौपदी मुरमू संताल आदिवासी फैमिली से संबंध रखती हैं। झारखंड राज्य के बनने के पश्चात 5 साल का कार्यकाल पूरा करने वाली द्रोपदी मुर्मू पहली महिला राज्यपाल है। इनके पति का नाम श्याम चरण मुर्मू है।
श्याम चरण मुर्मू के साथ द्रौपदी मुर्मू की शादी हुई थी, जिनसे इन्हे संतान के तौर पर टोटल 3 बच्चे प्राप्त हुए थे, जिनमें दो बेटे थे और एक बेटी थी। हालांकि इनका व्यक्तिगत जीवन ज्यादा सुखमय नहीं था, क्योंकि इनके पति और इनके दोनों बेटे अब इस दुनिया में नहीं है। इनकी बेटी ही अब जिंदा है जिसका नाम इतिश्री है, जिसकी शादी द्रौपदी मुर्मू ने गणेश हेम्ब्रम के साथ की है।
2015
2009
2006
2002
2000
द्रौपदी मुर्मू को झारखंड राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया गया।
वे राइरांगपुर से भाजपा के टिकट पर दुबारा विधायक निर्वाचित हुईं।
श्रीमती मुर्मू भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा की ओडिशा प्रदेश अध्यक्ष बनीं।
द्रौपदी मुर्मू को ओडिशा सरकार में मत्स्य एवं पशुपालन विभाग में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया।
राइरांगपुर विधानसभा क्षेत्र से पहली बार भाजपा के टिकट पर विधायक चुनी गयीं और नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली तत्कालीन बीजद-भाजपा सरकार में स्वतंत्र प्रभार की राज्य मंत्री भी नियुक्त हुईं।
1994
1983
1979
अरबिंदो इन्टीग्राल एजुकेशन सेंटर राइरांगपुर ओडिशा में बतौर शिक्षक कार्य करना शुरू किया।
ओडिशा सरकार के अधीन सिंचाई विभाग में बतौर कनिष्ठ लिपिक कार्य करना आरंभ किया।
द्रौपदी मुर्मू ने रमा देवी महिला विश्वविद्यालय ओडिशा से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
संपत्ति
उत्तरदायित्व
शुद्ध संपत्ति
₹ 9.45 लाख
₹ 4.65 लाख
₹ 4.8 लाख